सोमवार, 31 दिसंबर 2018

Happy new year-2019

सुन्हेरे सपनों की झनकार लाया है नव वर्ष,
सुन्हेरे सपनों की झनकार लाया है नव वर्ष,
खुशियों के अनमोल उपहार लाया है नव वर्ष,
आपके राहो में फूलों को बिखराकर लाया है नव वर्ष,
महकी हुई बहारों की खुशबू लाया है नव वर्ष,
आपको दिल से नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाए.

मंगलवार, 11 दिसंबर 2018

आज का अतीत

सूरज आया गगन मेंफैला धवल प्रकाश।
मूरख दीपक हाथ लेखोज रहा उजियास।।

गले मिलें जब प्यार सेरामू और रसीद। 
अपने प्यारे देश मेंसमझो तब ही ईद।।

अच्छी सूरत देखकरमत होना अनुरक्त। 
जग के मायाजाल सेमन को करो विरक्त।।

काली छतरी ओढ़ केआते गोरे लोग।
बारिश में करते सभीछाते का उपयोग।।

शाम हुई सूरज ढलागयी धरा से धूप। 
ज्यों-ज्यों बढ़ती है उमर, त्यों-त्यों ढलता रूप।।

शनिवार, 1 दिसंबर 2018

आज का ज्ञान

आज का ज्ञान

           ~  स्त्री के बगैर  ~
     पुरुष की जिंदगी 👉 बेकार है.
 उसे हमेशा एक स्त्री का साथ चाहिए.
   फिर वो चाहे मन्दिर हो या संसार.

 मंदिर में कृष्ण के साथ --> *राधा*
               राम के साथ --> *सीता*
            शंकर के साथ --> *पार्वती*

       सुबह से रात तक मनुष्य को
            अपने हर काम में
              *एक स्त्री की*
          आवश्यकता होती ही है.

       पढ़ते समय --> *विद्या*
                फिर --> *लक्ष्मी*
       और अंत में -->  *शाँति*
दिन की शुरुआत --> *ऊषा* के साथ,
 दिन की समाप्ति --> *संध्या* से होती है.
   किन्तु काम तो --> *अन्नपूर्णा* के
                           लिये ही करना है.

    रात यानी --> *निशा* के समय भी
                         *निंदिया रानी*
     सोने के बाद --> *सपना*

 मंत्रोच्चार के लिये --> *गायत्री*
          ग्रंथ पढ़ें तो --> *गीता*

  👇 मंदिर में भगवान के सामने 👇
          *वंदना, पूजा, अर्चना*
            *आरती, आराधना*
                और ये सब भी ...
   केवल --> *श्रद्धा* के साथ.

       अंधेरा हो तो  --> *ज्योति*

       अकेलापन लग रहा हो तो -->
         *प्रेमवती* एवं  *स्नेहा*

          लड़ाई लड़ने जायें तो -->
         *जया* और *विजया*

      बुढ़ापे में --> *करुणा* वो भी
                  --> *ममता* के साथ.

    गुस्सा आ जाए, तब --> *क्षमा*

   इसीलिए तो धन्य है --> स्त्री जाति
    जिसके  बगैर ~ पुरुष अधूरा है.

      मुझे *आशा* है, कि आप
  मेरी *भावना* को समझ चुके होंगे.

Dedicate to all friends , sister and daughter....

पिता :- कन्यादान नहीं करूंगा जाओ ,
                मैं नहीं मानता इसे ,
क्योंकि मेरी बेटी कोई चीज़ नहीं ,जिसको दान में दे दूँ ;
मैं बांधता हूँ बेटी तुम्हें एक पवित्र बंधन में ,
       पति के साथ मिलकर निभाना तुम ,
मैं तुम्हें अलविदा नहीं कह रहा ,
 आज से तुम्हारे दो घर ,जब जी चाहे आना तुम ,
  जहाँ जा रही हो ,खूब प्यार बरसाना तुम ,
सब को अपना बनाना तुम ,पर कभी भी
  न मर मर के जीना ,न जी जी के मरना तुम ,
तुम अन्नपूर्णा , शक्ति , रति सब तुम ,
        ज़िंदगी को भरपूर जीना तुम ,
न तुम बेचारी , न अबला ,
       खुद को असहाय कभी न समझना तुम ,
मैं दान नहीं कर रहा तुम्हें ,
        मोहब्बत के एक और बंधन में बाँध रहा हूँ ,
उसे बखूबी निभाना तुम .................
*एक नयी सोच एक नयी पहल*सभी बेटियां के लिए

🔰🚥🚥🔰

🌿➖बोये जाते हैं बेटे..
🌿➖पर उग जाती हैं
           बेटियाँ..

🌿➖खाद पानी बेटों को..
🌿➖पर लहराती हैं बेटियां.

🌿➖स्कूल जाते हैं बेटे..
🌿➖पर पढ़ जाती हैं
          बेटियां..

🌿➖मेहनत करते हैं बेटे..
🌿➖पर अव्वल आती हैं
          बेटियां..

🌿➖रुलाते हैं जब खूब बेटे.
🌿➖तब हंसाती हैं बेटियां.

🌿➖नाम करें न करें बेटे..
🌿➖पर नाम कमाती हैं
          बेटियां..

🌿➖जब दर्द देते हैं बेटे...
🌿➖तब मरहम लगाती
         हैं बेटियां..

🌿➖छोड़ जाते हैं जब बेटे..
🌿➖तो काम आती हैं
          बेटियां..

🌿➖आशा रहती है बेटों से.
🌿➖पर पूर्ण करती हैं
           बेटियां..

🌿➖हजारों फरमाइश से
           भरे हैं बेटे....
🌿➖पर समय की नज़ाकत
          को समझती बेटियां..
🌿➖बेटी को चांद जैसा
          मत बनाओ कि हर
         कोई घूर घूर कर देखे..

       📍लेकिन📍
    -----------------------
🌿➖बेटी को सूरज जैसा
         बनाओ ताकि घूरने से
        पहले सब की नजर झुक
        जाये..🌞🌞


अयोध्या में आज का आधुनिक सुविधाएं

  राममंदिर परिसर राममय होने के साथ-साथ आधुनिक सुविधाओं से भी लैस होगा। रामलला के दरबार में रामभक्तों को दिव्य दर्शन की अनुभूति होगी। एक साथ ...