सूरज आया गगन में, फैला धवल प्रकाश।
मूरख दीपक हाथ ले, खोज रहा उजियास।।
मूरख दीपक हाथ ले, खोज रहा उजियास।।
गले मिलें जब प्यार से, रामू और रसीद।
अपने प्यारे देश में, समझो तब ही ईद।।
अपने प्यारे देश में, समझो तब ही ईद।।
अच्छी सूरत देखकर, मत होना अनुरक्त।
जग के मायाजाल से, मन को करो विरक्त।।
जग के मायाजाल से, मन को करो विरक्त।।
काली छतरी ओढ़ के, आते गोरे लोग।
बारिश में करते सभी, छाते का उपयोग।।
बारिश में करते सभी, छाते का उपयोग।।
शाम हुई सूरज ढला, गयी धरा से धूप।
ज्यों-ज्यों बढ़ती है उमर, त्यों-त्यों ढलता रूप।।
ज्यों-ज्यों बढ़ती है उमर, त्यों-त्यों ढलता रूप।।
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