शनिवार, 6 अक्तूबर 2018

नया समाज

जाति-पांति के बंधन तोड़े
अपनेपन की कड़ियाँ जोड़े,
इस धरती के हर मानव का
मानवता से नाता जोड़े
एक दूसरे के दुःख सुख में
मिलकर बैठे हाथ बटाए
आओं, नया समाज बनाएं ||
इस माटी का कण कण चंदन
इसे करे शत शत वंदन
नई रोशनी की किरणें बन
आज सजा दे हर आंगन |
मिल जुलकर कर आगे बढ़ने का
सबके मन में भाव जगाएं
आओं, नया समाज बनाएं
श्रम को जीवन मंत्र बनाएं
उंच नीच का भेद मिटाएं
भारत माता के हम सपूत बन
नव जीवन की अलख जगाएं
धरा सभी की, गगन सभी का
आओं, नया समाज बनाएं ||

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