शुक्रवार, 5 अक्तूबर 2018

राष्ट्रीय एकता की भावना


कब तक चलेगा ये मतभेद
कैसे अनपढ़ हैं कहने वाले
जो देश को सांप्रदायिक सोच देते हैं
फूट डालो और राज करो
कैसे वो ये नारा भुला बैठे हैं
अंग्रेज हो या कोई हमने ही तो अवसर दिया
आपसी लड़ाई में हमने मातृभूमि को गँवा दिया
आज भी उसी सोच के गुलाम हैं हम
खुद ही अपने देश के शत्रु बन रहे हैं हम
फिर से कही मौका न दे बैठे
चलो सुलझाये और आज साथ आकर बैठे
राष्ट्रीय एकता है ऐसी भावना
जो लोगों में पैदा करती है सदभावना
हमारा भारत देश है राष्ट्रीय एकता की
जीती जागती मिशाल
मेरा भारत है धर्मों का देश
फिर भी पिरोया हुआ राष्ट्रीय एकता
के सूत्र में यह देश
मेरे देश भारत की शक्ति है
इसकी राष्ट्रीय एकता की पहचान
जब भी मेरे देश की एकता है टूटी
तभी वहां के लोगों की किस्मत है फूटी
अखंडता और शांति को बनाये रखना है जरूरी है
इसीलिए देश के लोगो में राष्ट्रीय एकता है बहुत जरूरी
आईये सभी मिलकर एकता के सूत्र में बंध जाएं
गीले सिक्वे भुलाकर एक दूसरे के गले लग जाएं
दिल में इस जज्बे को हमेशा जगाए रखें
एकता के परिवेश में, जब वह रूप हमने पाया
अपना भारत देश ही, सोने की चिड़िया कहलाया
भारत माता के सपूतों क्यों
एक दूसरे पर वार करते हो
क्यों देश की अखंडता को, तार तार करते हो
राष्ट्र के महापुरुषों ने, एकता का प्रचार किया था
सांप्रदायिक विचार का, बहिष्कार किया था
सब में प्रेम बांटना ही, अपनी पहचान होनी चाहिए
इसी धारणा की सभी के मन में
ऊंची आवाज होनी चाहिए
ईश्वर के बच्चों में भेद मत होने दीजिए
हर मजहब एक दिखें, सीख सब को दीजिए!!

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