शनिवार, 25 दिसंबर 2021

 बात पुरातन बीत गई जो, क्यों हम वह गाना गायें।

नये वर्ष में काम भला कर, आओ जग पे छा जायें।।
बुरे कर्म का बुरा नतीजा, सदियों जग देता ताना।
आज खड़ा जो सम्मुख अपने, वह भी है जाने वाला।।

कुछ अच्छे कुछ बुरे पलों को, वर्ष पुरातन दिखा गया।
जाते जाते  ना जाने यह, क्या  कुछ हमको सिखा गया।।
आना जाना रीत यही है, पल यही अमृत विष प्याला।
आज खड़ा जो सम्मुख अपने, वह भी है जाने वाला।।

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