शनिवार, 25 दिसंबर 2021



अस प्रभु हृदयँ अछत अबिकारी।

सकल  जीव  जग  दीन  दुखारी॥

नाम   निरूपन   नाम   जतन   तें।

सोउ  प्रगटत जिमि  मोल रतन तें॥

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      समस्त विकारों से मुक्त भगवान सभी के हृदय में रहते हैं फिर भी संसार के सभी जीव दीन हीन और दुःखी हैं। नाम के यथार्थ स्वरूप, महिमा, रहस्य और प्रभाव को जानकर श्रद्धा-पूर्वक नाम जपने से ब्रह्म उसी प्रकार प्रकट हो जाता है, जिस प्रकार रत्न की जानकारी होने से उसका मूल्य प्रकट हो जाता है।

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🌺🌼🌻🚩जय श्री सीतारामजी की🚩🌻🌼🌺

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