जय श्री हरि।
'ऋतु आये फल होय-यह बात संसार में लागू होती है।
परमात्मप्राप्ति की ऋतु नहीं आती।केवल लालसा की जरूरत है। परमात्मप्राप्ति की लगन नहीं है-यही बाधा है। आपके मनसे नाशवान का महत्त्व हट गया तो अन्तःकरण शुद्ध हो गया।
स्वामी रामसुखदासजी महाराज
राममंदिर परिसर राममय होने के साथ-साथ आधुनिक सुविधाओं से भी लैस होगा। रामलला के दरबार में रामभक्तों को दिव्य दर्शन की अनुभूति होगी। एक साथ ...
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