शनिवार, 25 दिसंबर 2021



ब्रह्म  राम  तें  नामु  बड़   बर  दायक  बर   दानि।

रामचरित सत कोटि महँ लिय महेस जियँ जानि॥

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           "राम" नाम निर्गुण ब्रह्म और सगुण ब्रह्म दोनों से बड़ा है जो कि वरदान देने वालों को भी वर प्रदान करने वाला है। श्रीशंकर जी ने सौ करोड़ राम चरित्र में से इस "राम" नाम को सार रूप में चुनकर अपने हृदय में धारण किया हुआ है।

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