शनिवार, 25 दिसंबर 2021



राम   सकुल  रन  रावनु   मारा।

सीय सहित निज पुर पगु धारा॥

राजा    रामु   अवध   रजधानी।

गावत  गुन  सुर  मुनि बर बानी॥

सेवक   सुमिरत   नामु   सप्रीती।

बिनु श्रम प्रबल मोह दलु जीती॥

फिरत  सनेहँ मगन  सुख अपनें।

नाम  प्रसाद  सोच  नहिं  सपनें॥

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      श्रीरामचन्द्र जी ने तो कुटुम्ब सहित रावण को युद्ध में मारकर सीता सहित उन्होंने अपने नगर अयोध्या में प्रवेश किया था। राम राजा बने, अवध उनकी राजधानी बनी, देवता और मुनि सुंदर वाणी में जिनका गुणगान करते हैं, लेकिन भक्त लोग प्रेम-पूर्वक नाम के स्मरण करने मात्र से बिना परिश्रम के मोह रूपी प्रबल सेना पर विजय प्राप्त करके प्रेम-मग्न होकर सुख में विचरण करते हैं, नाम के प्रसाद से उन्हें सपने में भी कोई चिन्ता नहीं सताती है।

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🌺🌼🌻🚩जय श्री सीतारामजी की🚩🌻🌼🌺



*सम्बन्धः वारि च द्वयं हि समानं भवति।*

*न कश्चित् वर्णः न किञ्चित् रूपम्।*

*परन्तु तथापि जीवनस्य अस्तित्वस्य*

 *कृते सर्वाधिकं महत्वपूर्णम्॥*


   सम्बन्ध और जल

   एक समान होते हैं

   न कोई रंग, न कोई रूप

   पर फिर भी जीवन के

   अस्तित्व के लिए

   सबसे महत्वपूर्ण!!


*🙏🏻💐🙏🏻आपका आज* *का दिन परम् प्रसन्नता से* *परिपूर्ण रहे,ऐसी* 💐🌺🌸🌷💐🌺🌸🌷💐🌺🌷



ब्रह्म  राम  तें  नामु  बड़   बर  दायक  बर   दानि।

रामचरित सत कोटि महँ लिय महेस जियँ जानि॥

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           "राम" नाम निर्गुण ब्रह्म और सगुण ब्रह्म दोनों से बड़ा है जो कि वरदान देने वालों को भी वर प्रदान करने वाला है। श्रीशंकर जी ने सौ करोड़ राम चरित्र में से इस "राम" नाम को सार रूप में चुनकर अपने हृदय में धारण किया हुआ है।

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 एकमेव भगवद् स्मरण ही सर्वथा कल्याणकारी है।...वर्ना सांसारिक जीव का जीवन ही प्रायः विकारी है।।... विकार ब्यसन के अतिरिक्त भजन को भला कहाँ स्वीकारता है।... यदि भजन ही बनने लग जाय तब तो वह जीव मे टिक भी तो नही सकता है।।... अतः विकार मुक्त बन मेरी श्री स्वामिनी जू का मधुर चरणाश्रय गहें।... अपने मनुष्य जन्म को सफल बनाते हुये भाव व प्रेम सहित सप्रयास श्री राधे राधे ही कहें।।राधे राधे जय श्री कृष्ण हम आप सबकी यह ब्राह्मी बेला मेरे प्रभु श्री युगल सरकार के शीतल श्री चरणों की छाया में परम शांतिमय हो इन्ही शुभ कामनाओं सहित पुनः राधे राधे जय श्री कृष्ण सहित 

 🙏🌺🌻 मङ्गलं सुप्रभातम् 🌻🌺🙏 


नाम   प्रसाद   संभु   अबिनासी।

साजु    अमंगल   मंगल   रासी॥

सुक सनकादि सिद्ध मुनि जोगी।

नाम  प्रसाद   ब्रह्मसुख   भोगी॥

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            नाम के प्रसाद से ही शंकर जी अविनाशी हैं और अमंगलकारी वेष धारण करने पर भी मंगलकारी खजाना हैं। शुकदेव जी, सनकादिक, सिद्ध, मुनि और योगीजन नाम के ही प्रसाद से ब्रह्मानन्द का भोग करते रहते हैं।

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🌺🌼🌻🚩जय श्री सीतारामजी की🚩🌻🌼🌺

 *ज़िद, गुस्सा, गलतियां और लालच..* 

*खर्राटों की तरह होते हैं,* 

*दूसरा करे तो चुभता है,*  

*पर ख़ुद करें तो अहसास तक नहीं होता।*

🚩 *जय श्री राम।* 🙏💐🌹

'बाधाएं आती हैं आएं, घिरें प्रलय की घोर घटाएं, पांवों के नीचे अंगारे, सिर पर बरसें यदि ज्वालाएं, निज हाथों में हंसते-हंसते, आग लगाकर जलना होगा, कदम मिलाकर चलना होगा।' - अटल जी

अयोध्या में आज का आधुनिक सुविधाएं

  राममंदिर परिसर राममय होने के साथ-साथ आधुनिक सुविधाओं से भी लैस होगा। रामलला के दरबार में रामभक्तों को दिव्य दर्शन की अनुभूति होगी। एक साथ ...